जय जय श्री राम

जय जय श्री राम

5 जुलाई 1984 को मध्यप्रदेश के रीवा जिले के खरहरी नामक गांव में श्री तरुणेन्द्र मिश्राजी एवं श्रीमती मालती देवीजी के पुत्र के रूप में श्री संजीव मिश्राजी का जन्म हुआ । आप बचपन से ही अपने दादाजी श्री सियाशरण मिश्रा जी के सानिध्य में श्री रामचरित मानस का पाठ सुनते हुए बड़े हुए तथा प्राथमिक शिक्षा पूर्ण करके मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हाई स्कूल तक की शिक्षा सामान्य तरीके से करते हुए दादाजी की प्रेरणा से संस्कृत महाविद्यालय इंदौर से उत्तर मध्यमा की शिक्षा प्राप्त की ।

तथा अवदेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा से संस्कृत साहित्य और ज्योतिष में आचार्य (एम ए ) की शिक्षा प्राप्त की ।उपरोक्त शिक्षा के दौरान भी हनुमान जी महाराज के मंदिर में पुजारी के रूप में 1999 से 2007 तक सेवा करते रहे । तब तक शिक्षा पूर्ण हो चुकी थी ।
2007 से अपने ज्योतिषीय परामर्श द्वारा अनेक लोगो का कल्याण किया तथा जनमानस में ज्योतिष शास्त्र के प्रति सुदृढ़ श्रद्धा तथा विश्वास जगाया ।
 
श्री हनुमान जी की सद्प्रेरणा से सन 2017 में माघ शुक्ल एकदशी के दिन अभिजीत मुहूर्त में श्री वृन्दावन धाम में श्री मलूक पीढ़ाधीश्वर द्वाराचार्य 1008 श्री राजेंद्रदास जी महाराज से सभी वैष्णव संस्कार युक्त श्री राम तारक मंत्र की दीक्षा प्राप्त कर श्री जगतगुरु रामानंदाचार्य संप्रदाय में दीक्षित हुए ।

आचार्य पंडित संजीव मिश्रा

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कथाये

हनुमान चालीसा की रचना कैसे हुई..??

हनुमान चालीसा की रचना के पीछे एक बहुत ही रोचक कहानी है जिसकी जानकारी शायद ही किसी को हो। आइये जानते हैं हनुमान चालीसा की रचना कैसे हुई..?? ...

हनुमान चालीसा या हनुमान कथा से कौन-कौन से दुर्गुण दूर होते है..??

सबसे पहले दुर्गुण में आता है – अभिमान..!! हनुमान कथा सुनने से अभिमान का नाश हो जाता है ख़त्म हो जाता है..!! ...

हनुमान शब्द का वास्तविक अर्थ

श्री हनुमान जी महराज के चरण कमलो का ध्यान करिये क्युकी हनुमत तत्व समझ में तभी आएगा जब आपके ह्रदय में हनुमा जी महाराज विराजमान होंगे..!! ...

अपने मन को निर्मल करने के लिए क्या करें..??

सर्वप्रथम मन को जानने की कोशिश करनी होगी. हम अपनी जानी हुई बुराई ना करे, और की हुई भूल दोहराए नहीं। दूसरे के दोष देखने में अपना ज़रा सा भी अधिकार ना माने। ...

श्री हनुमान कथा – पंचम दिवस

हनुमान स्तुति मंत्र : – अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् | सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि || अर्थ : – अतुल बल के धाम , सोने के पर्वत के समान ...

श्री हनुमान कथा – चतुर्थ दिवस

महाबली हनुमान के संकटहारी मंत्र पहला मंत्र- ॐ तेजसे नम: || दूसरा मंत्र- ॐ प्रसन्नात्मने नम: || तीसरा मंत्र- ॐ शूराय नम: || चौथा मंत्र- ॐ शान्ताय नम: || पांचवां मंत्र- ॐ मारुतात्मजाय नमः || ...

श्री हनुमान कथा – तृतीय दिवस

भूत पिसाच निकट नहीं आवे। महाबीर जब नाम सुनावे -: भय पर काबू पाने के लिए या बुरी शक्तियों को अपने से दूर रखने के लिए आपको इन पंक्तियों को सुबह 108 बार जप करना चाहिए। ...

श्री हनुमान कथा – द्वितीय दिवस

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीश तिहु लोक उजागर ॥ रामदूत अतुलित बलधामा, अञ्जनि पुत्र पवनसुत नामा ॥ महावीर विक्रम बजरङ्गी, कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥ कञ्चन वरण विराज सुवेशा, कानन कुण्डल कुञ्चित ...

श्री हनुमान कथा – षष्टम दिवस

मृत्यु के देवता यम, हनुमान से डरते थे, हनुमान जी राम के महल के दरवाजे की रक्षा करते थे और स्पष्ट था कि कोई भी राम को उनसे दूर नहीं ले जा सकता है। यम को प्रवेश करवाने के लिए हनुमान का मन भटकाना ज़रूरी ...

श्रीराम जी का सबसे बड़ा भाग्यशाली भक्त कौन है..??

‘जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।’ अपनी आवश्यकतानुसार मंत्र चुनकर हनुमानजी का पूजन कर घी, तिल, जौ, गुग्गल, लोभान, पंचमेवा, मिश्री मिलाकर यथाशक्ति जप कर बाद में हवन में 108 आहु‍ति ...