जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।’

अपनी आवश्यकतानुसार मंत्र चुनकर हनुमानजी का पूजन कर घी, तिल, जौ, गुग्गल, लोभान, पंचमेवा, मिश्री मिलाकर यथाशक्ति जप कर बाद में हवन में 108 आहु‍ति डालें।

मंत्र पढ़कर ‘स्वाहा’ का उच्चारण करें तथा बाद में नित्य एक माला जपें, कार्य नि‍श्चित होगा। पश्चात बटुक भोजन करवाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *