जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीश तिहु लोक उजागर ॥ 

रामदूत अतुलित बलधामा, अञ्जनि पुत्र पवनसुत नामा ॥ 

महावीर विक्रम बजरङ्गी, कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥

कञ्चन वरण विराज सुवेशा, कानन कुण्डल कुञ्चित केशा ॥